डॉ. गौरी जगदाळे , कंसलटेंट गायनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्सटिट्रिशन, वेदांत क्लिनिक, केशव नगर से आज हम जानेंगे कि गर्भावस्था के हर चरण में क्या खाना चाहिए, क्या अवॉइड करना चाहिए और कैसे माँ और शिशु दोनों को सुरक्षित व स्वस्थ रखा जा सकता है।

पहला ट्रायमेस्टर (पहले 3 महीने) – बच्चे के अंगों का विकास
इस चरण में बच्चे के मुख्य अंगों का निर्माण होता है, इसलिए सही पोषण अत्यंत जरूरी है।
क्या खाएं:
फोलिक एसिड रिच फूड्स: ग्रीन लीफी वेजिटेबल्स, पालक, ब्रोकोली
आयरन युक्त खाद्य पदार्थ – गुड़, खजूर, चुकंदर, हरी सब्ज़ियाँ
बी कॉम्प्लेक्स विटामिन्स: साबुत अनाज, ग्रीन वेजिटेबल्स
मॉर्निंग सिकनेस के लिए हल्के स्नैक्स: ड्राय टोस्ट, मुरमुरा
क्या अवॉइड करें:
कच्चा पपीता अधिक मात्रा में न लें — इससे गर्भ में संकुचन और गर्भपात का रिस्क होता है।
थोड़ी मात्रा में पका हुआ पपीता या अनन्नास नुकसान नहीं करता।
बाहर का खाना, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड न खाएं।
सभी प्रकार के बेवरेजेस जैसे कि कैफीन युक्त ड्रिंक्स अवॉइड करें।
मील स्किप न करें, इससे मॉर्निंग सिकनेस बढ़ सकती है।
शरीर को हाइड्रेटेड रखना ज़रूरी है : रोज़ाना 2 से 3 लीटर पानी पिएं। साथ ही नींबू पानी या नारियल पानी का सेवन भी फायदेमंद रहेगा।
गर्भावस्था का मध्य चरण: जब बच्चे की ग्रोथ सबसे अधिक तेज़ होती है
अब शिशु की ग्रोथ बहुत तेज़ होती है, इसलिए डाइट में प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन की मात्रा बढ़ाना आवश्यक है।
क्या खाएं:
प्रोटीन स्रोत: अंडे, नॉन-वेज फूड, पनीर, दही, दूध, मूंग दाल, साबुत अनाज
कैल्शियम रिच फूड्स: दूध, दही, पनीर, अंडे
आयरन युक्त फूड्स: चुकंदर, गुड़, खजूर, पालक
ड्राय फ्रूट्स: दिन में 6-8 ड्राय फ्रूट्स (हैंडफुल)
क्या अवॉइड करें:
फ्रायड स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक्स — ये एसिडिटी और हार्ट बर्न बढ़ाते हैं।
अधिक कैफीन (चाय, कॉफी) — बच्चे की ग्रोथ पर असर डाल सकते हैं।
गर्भावस्था का अंतिम चरण: वज़न गेन और प्रसव की तैयारी का महत्वपूर्ण समय
क्या खाएं:
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स: रोटी, दाल, ओट्स
कैल्शियम रिच फूड्स: दूध, दही, पनीर, अंडे, नॉन-वेज
आयरन रिच फूड्स: हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, चुकंदर, गुड़, खजूर
डाइजेशन के लिए: अजवाइन, जीरा पानी, बटर मिल्क
घी: पाचन और लुब्रिकेशन के लिए फायदेमंद
क्या अवॉइड करें:
रात को स्पाइसी और भारी भोजन
ओवर ईटिंग और एक्सेस ईटिंग
बाहर का स्ट्रीट फूड
स्मॉल और फ्रीक्वेंट मील लें, भोजन के बाद थोड़ी वॉक digestion में मदद करती है।
डिलीवरी के बाद – ब्रेस्टफीडिंग और रिकवरी का समय
अब शिशु पूरी तरह माँ पर डिपेंड करता है, इसलिए आपकी डाइट से उसका पोषण जुड़ा है।
क्या खाएं:
दूध बढ़ाने वाले फूड्स (गैलेक्टोगॉग्स): हलीम, ड्राय फ्रूट्स लड्डू, मेथी, रागी
प्रोटीन और कैलोरी युक्त फूड्स: अंडे, नॉन-वेज, दूध, दही, पनीर
आयरन रिच फूड्स: चुकंदर, राजमा, गुड़, खजूर
पानी और तरल पेय जैसे नारियल पानी या नींबू पानी दिनभर में पर्याप्त मात्रा में लें
क्या अवॉइड करें:
डिलीवरी के तुरंत बाद गैस बनने वाले खाद्य जैसे चना का सेवन टालें।
बार-बार और कम मात्रा में खाना पाचन के लिए बेहतर होता है
डॉक्टर द्वारा दिए गए आयरन और कैल्शियम सप्लीमेंट्स नियमित रूप से लेना न भूलें।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी और पोस्टपार्टम जीवन का एक बहुत ही संवेदनशील और पोषण-प्रधान समय होता है। डॉ. गौरी जगदाड़े की सलाह के अनुसार:
घर का बना खाना, नेचुरल और न्यूट्रिशस डाइट को प्राथमिकता दें
प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूरी बनाएं
माँ और बच्चे दोनों की सेहत और सुरक्षा के लिए हर स्टेज पर सही खानपान अपनाना ज़रूरी है।