ब्लॉग शीर्षक: प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद कमर दर्द से हैं परेशान? डॉ. गौरी जगदाले से जानिए कारण और उपाय

डॉ. गौरी जगदाले (कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट) बताती हैं कि प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद पीठ दर्द होना एक आम समस्या है, लेकिन क्या यह हमेशा रहेगा? क्या इसका कारण रीढ़ की हड्डी में दिया गया इंजेक्शन है? आइए, इस वीडियो के आधार पर इन सवालों के जवाब जानते हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द क्यों होता है?

डॉ. गौरी के अनुसार, प्रेगनेंसी में कमर दर्द के मुख्य 4 कारण होते हैं:

  1. हार्मोनल बदलाव: प्रेगनेंसी में ‘रिलैक्सिन’ (Relaxin) नामक हार्मोन निकलता है जो पेल्विक जॉइंट्स को ढीला करता है, जिससे दर्द हो सकता है।
  2. वजन बढ़ना: बच्चे और माँ का वजन तेजी से बढ़ता है (Rapid Weight Gain), जिससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है।
  3. पोश्चर में बदलाव: तीसरी तिमाही में पेट बढ़ने से रीढ़ का आकार (Curvature) थोड़ा बदल जाता है, जिससे मांसपेशियों पर तनाव आता है।
  4. मांसपेशियों की कमजोरी: बैक और कोर मसल्स (Core Muscles) कमजोर होने से भी दर्द बढ़ता है।

डिलीवरी के बाद भी दर्द क्यों रहता है?

कई महिलाओं को लगता है कि डिलीवरी होते ही दर्द चला जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता। इसके कारण हैं:

  • बेबी केयर: बच्चे को बार-बार उठाने और दूध पिलाने (Feeding) के दौरान झुकने से पीठ पर जोर पड़ता है।
  • व्यायाम की कमी: नई मां अक्सर खुद पर ध्यान नहीं दे पातीं और एक्सरसाइज न करने से मांसपेशियां कमजोर रहती हैं।
  • पोषक तत्वों की कमी: कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हड्डियों को कमजोर बनाती है।

सबसे बड़ा मिथक: “सिजेरियन के इंजेक्शन से कमर दर्द हमेशा रहता है”

डॉ. गौरी इस बात को पूरी तरह खारिज करती हैं।

  • सच्चाई: डिलीवरी के दौरान दिया गया एनेस्थीसिया (Epidural/Spinal) केवल 1-2 हफ्ते तक ही हल्का दर्द या सोरनेस (Soreness) दे सकता है।
  • लंबे समय तक रहने वाला दर्द इंजेक्शन की वजह से नहीं, बल्कि गलत पोश्चर, वजन बढ़ने और व्यायाम न करने की वजह से होता है।

बचाव और इलाज: दर्द को कैसे दूर भगाएं?

डॉक्टर जगदाले कुछ आसान उपाय बताती हैं:

  1. पोश्चर सुधारें: बच्चे को दूध पिलाते समय या उठाते समय अपनी पीठ सीधी रखें। बैक सपोर्ट पिलो (Pillow) या बेल्ट का इस्तेमाल करें।
  2. सप्लीमेंट्स लें: डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम और विटामिन डी लेते रहें।
  3. वजन कंट्रोल करें: प्रेगनेंसी और उसके बाद वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें।
  4. सिकाई करें: हॉट वाटर बैग (Hot Compresses) से सिकाई करने पर आराम मिलता है।
  5. एक्सरसाइज: डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह से कोर स्ट्रेंन्दनिंग (Core Strengthening) एक्सरसाइज करें।

निष्कर्ष कमर दर्द प्रेगनेंसी का एक सामान्य हिस्सा है, लेकिन इसे सही आदतों से टाला जा सकता है। डॉ. गौरी सलाह देती हैं— “स्टे हेल्दी, स्टे हैप्पी और अपनी एक्सरसाइज जारी रखें।”

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